Church Holy Hour Voting Appeal: चर्च में 'पवित्र घंटे' की एक परंपरा है. इस 60 मिनट के दौरान शांतिपूर्ण माहौल में कैथोलिक व्यक्ति ईश्वर से संवाद करता है. इसके अपने तरीके हैं. एक घंटे को अलग-अलग हिस्सों में बांटकर प्रेयर की जाती है. आपको जानकर ताज्जुब होगा कि गोवा के इतिहास में शायद पहली बार चर्च के Holy Hour में कैथोलिक समुदाय के लोगों से लोकसभा चुनाव में जिम्मेदार उम्मीदवारों को वोट करने को कहा गया है. इतना ही नहीं, पादरी ने दक्षिण गोवा में एक अंतिम संस्कार के दौरान भी यह संदेश दिया. गोवा में वोटिंग मंगलवार को है.
गोवा और दमन के आर्कबिशप की तरफ से स्पेशल प्रेयर का निर्देश आया था. फेलिप नेरी कार्डिनल ने 15 अप्रैल को राज्य के सभी पेरिशों, पादरियों और कैथोलिक्स को एक सर्कुलर जारी किया था. इसमें लोगों से धर्मनिरपेक्ष उम्मीदवारों को वोट देने के लिए कहा गया है, जो संविधान के मूल्यों को पूरी निष्ठा के साथ बनाए रखें.
पढ़ें: कैसे हैं भइया... अमेठी-रायबरेली में कैंप करेंगी प्रियंका गांधी, क्या है प्लान?
प्रार्थनाएं शुक्रवार और रविवार को 'पवित्र घंटे' के दौरान हुईं. यह एक कैथोलिक परंपरा है जिसमें पूरी पवित्रता के साथ एक घंटा ईश्वर की आराधना में बिताया जाता है.
हर नागरिक की जिम्मेदारी है...
पवित्र घंटे से पहले प्रेयर के एक हिस्से में कहा गया, 'सार्वजनिक और सामाजिक जीवन में पूरी तरह से शामिल होना प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है. हम इस पवित्र समय के दौरान प्रार्थना करते हैं कि ये चुनाव अनुशासित तरीके से हों और हम एक जिम्मेदार उम्मीदवार का चुनाव कर सकें. जिम्मेदारी से अपना वोट डालने के लिए, हमें प्रार्थना की आवश्यकता होती है, जो एकजुटता के साथ ताकत देती है.'
पहले की तरह किसी भी पार्टी या उम्मीदवार का नाम नहीं लिया गया लेकिन माना जा रहा है कि पादरियों के समूह के भीतर एक सामूहिक फैसला लिया गया है कि किसे समर्थन देना है.
पढ़ें: कसाब को क्या हीरो बनाना है... उज्ज्वल निकम के चुनाव लड़ने पर क्यों हंगामा है बरपा?
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने आर्कबिशप के मैसेज का स्वागत करते हुए कहा कि सच्चे अर्थों में भाजपा एक सेक्युलर पार्टी है. हालांकि TOI की रिपोर्ट के मुताबिक एक राजनीतिक विश्लेषक ने कहा है कि चर्च का अपने लोगों को सेक्युलर उम्मीदवारों को वोटर करने की बात कहना कांग्रेस के लिए वोट करने का मैसेज है.
वैसे, 2012 में पादरियों की तरफ से भ्रष्टाचार के खिलाफ वोट करने का संदेश दिया गया था. उस समय इसका मतलब भाजपा के पक्ष में वोट माना गया था. तब गोवा में मनोहर पर्रिकर भाजपा का नेतृत्व कर रहे थे.
स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.